जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा ये मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर, 40 फीसदी किडनी खराब!

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जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा ये मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर, 40 फीसदी किडनी खराब!

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ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर मुश्किलों को मात देकर नेशनल टीम में जगह बनाई। डॉक्टर ने कंगारू टीम के मौजूदा स्टार खिलाड़ी को महज 12 साल ही जीने की उम्मीद जताई थी लेकिन उन्होंने परिवार की मदद और अपनी इच्छा शक्ति से सबको झूठा साबित कर दिया।


 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर मुश्किलों को मात देकर नेशनल टीम में जगह बनाई। डॉक्टर ने कंगारू टीम के मौजूदा स्टार खिलाड़ी को महज 12 साल ही जीने की उम्मीद जताई थी लेकिन उन्होंने परिवार की मदद और अपनी इच्छा शक्ति से सबको झूठा साबित कर दिया।

ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन ने खुलासा किया कि जब वह पैदा हुए थे तो वह ‘इररिवर्सिबल क्रॉनिक किडनी’ रोग से पीड़ित थे। ग्रीन ने कहा कि एक समय उनके 12 साल से ज्यादा जीने की उम्मीद नहीं थी। इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं होते और इसमें किडनी को ठीक भी नहीं किया जा सकता।

ग्रीन ने ‘चैनल 7’ से कहा- जब मेरा जन्म हुआ तो मेरे माता पिता को बताया गया कि मुझे ‘इररिवर्सिबल क्रॉनिक किडनी’ बीमारी है जिसके कोई लक्षण नहीं होते लेकिन अल्ट्रासाउंड के जरिये इसका पता चला। क्रॉनिक किडनी बीमारी बढ़ती रहती है। दुर्भाग्य से मेरा गुर्दा अन्य लोगों के गुर्दे की तरह खून को साफ नहीं करता।

ग्रीन ने कहा कि उनका ‘किडनी फंक्शन’ इस समय 60 प्रतिशत है जो दूसरे चरण में है और पांचवें चरण में प्रत्यारोपण या ‘डायलिसिस’ की जरूरत होती है। उन्होंने कहा- मैं अभी बीमारी के दूसरे चरण में हूं लेकिन अगर आप अच्छी तरह देखभाल नहीं करोगे तो यह स्तर और नीचे चला जायेगा। किडनी सही नहीं हो सकती। इसे ठीक नहीं किया जा सकता इसलिए आप बीमारी के बढ़ने को धीमा करने के तरीके ढूंढ सकते हो, आप कोशिश करते हो।

ग्रीन की मां टार्सी को गर्भावस्था के 19वें हफ्ते के स्कैन में इस बीमारी का पता चला था। ग्रीन के पिता गैरी ने कहा- उस समय इसके बारे में ज्यादा पता नहीं था. तब उसके 12 वर्ष से अधिक जीने की उम्मीद नहीं थी।

आपको बता दें कि आल राउंडर ग्रीन ने 2020 में ऑस्ट्रेलिया के लिए पदार्पण किया था और तब से 24 टेस्ट, 23 वनडे और आठ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के कारण उनका क्रिकेट करियर भी प्रभावित हुआ है क्योंकि उन्हें मांसपेशियों में खिंचाव बहुत जल्दी हो जाता है।

ग्रीन ने कहा- मुझे नमक और प्रोटीन कम रखना पड़ता है जो बतौर क्रिकेटर आदर्श स्थिति नहीं है लेकिन जब मैच होते हैं तो मैं प्रोटीन थोड़ा ज्यादा लेने लगता हूं क्योंकि मैं मैदान पर काफी ऊर्जा खर्च करता हूं, बस खुद की देखभाल का सही तरीका ढूंढना पड़ता है।

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