बदरीनाथ | अंतिम गांव से PM मोदी ने क्यों कहा- मैं उत्तराखंड में 'वो' दिन देखना चाहता हूं

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बदरीनाथ | अंतिम गांव से PM मोदी ने क्यों कहा- मैं उत्तराखंड में 'वो' दिन देखना चाहता हूं

Modi Badrinath

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तराखंड को 3400 करोड़ रुपये के कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट की सौगात दी। पीएम ने सुबह केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया। इसके बाद हेमकुंड साहिब रोपवे और माणा में सड़कों की डबल लेन परियोजना का शिलान्यास किया।


बदरीनाथ (उत्तराखंड पोस्ट) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तराखंड को 3400 करोड़ रुपये के कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट की सौगात दी। पीएम ने सुबह केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया। इसके बाद हेमकुंड साहिब रोपवे और माणा में सड़कों की डबल लेन परियोजना का शिलान्यास किया।

पीएम मोदी ने भारत के अंतिम गांव माणा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि माणा में टूरिज्म का नया युग शुरू हो गया है। इन परियोजनाओं के अस्तित्व में आने के बाद पर्यटक और तीर्थयात्री केवल बदरीनाथ से वापस नहीं जाएंगे। मैं वो स्थिति जरूर ला दूंगा जब पर्यटक माणा से माणा पास तक जाकर सैर कर सकेंगे। पीएम ने कहा कि जब मैं हिमाचल गया था, तो वहां कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि हमनें ट्रेन नहीं देखी थी, लेकिन आप वंदे भारत ट्रेन ले आए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वो दिन मैं उत्तराखंड में भी देखना चाहता हूं। हिमाचल जैसे ही उत्तराखंड में भी विकास की गति तेजी से बढ़े। हिमालय की हरी भरी पहाड़ियों पर रेल गाड़ी की आवाज उत्तराखंड के विकास की नई गाथा लिखेगी।

मोदी ने कहा कि आधुनिक कनेक्टिविटी राष्ट्ररक्षा की भी गारंटी होती है। इसलिए बीते 8 सालों से हम इस दिशा में एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। भारतमाला के तहत देश के सीमावर्ती क्षेत्रों को बेहतरीन और चौड़े हाइवे से जोड़ा जा रहा है। सागरमाला से अपने सागर तटों की कनेक्टिविटी को सशक्त किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर कनेक्टिविटी न हो तो पहाड़ में जीवन पहाड़ जैसा बन जाता है। कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल में रोपवे का एक बड़ा नेटवर्क बनने जा रहा है। हमनें पहले भी दूरस्त क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी पहुंचाई है। अब पहाड़ में भी फोन की घंटी बजती है। सरकार पहाड़ के लिए ड्रोन की योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मैं माणा गांव की माताओं और बहनों को प्रणाम करता हूं। जिस तरह के उत्पाद वे बना रही हैं, उसके लिए वे बधाई की पात्र हैं। मैं उन्हें देखकर बड़ा प्रसन्न हुआ। वे अब अपनी आजीविका से खुश हैं।

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