हल्द्वानी | जानिए क्यों मंडरा रहा है 50 हजार से ज्यादा लोगों पर घर टूटने का खतरा
उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की 78 एकड़ जमीन से 4365 अवैध कच्चे-पक्के भवनों का हटना तय माना जा है। इससे 50 हजार लोगों पर संकट मंडरा रहा है। अतिक्रमण हटाने की तैयारी युद्ध स्तर पर पहुंच गई है। आरपीएफ व पीएसी की पांच-पांच कंपनियां तैनात हो गई हैं और चार दिन बाद पैरामिलिट्री फोर्स की 14 कंपनियां भी पहुंच जाएगी।
हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की 78 एकड़ जमीन से 4365 अवैध कच्चे-पक्के भवनों का हटना तय माना जा है। इससे 50 हजार लोगों पर संकट मंडरा रहा है। अतिक्रमण हटाने की तैयारी युद्ध स्तर पर पहुंच गई है। आरपीएफ व पीएसी की पांच-पांच कंपनियां तैनात हो गई हैं और चार दिन बाद पैरामिलिट्री फोर्स की 14 कंपनियां भी पहुंच जाएगी।
नैनीताल के SSP पंकज भट्ट ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर बनभूलपुरा में अतिक्रमण ध्वस्त करने की तैयारी पूरी हैं। अतिक्रमणकारियों को मोहलत देते हुए मुनादी भी करा दी गई है। आरपीएफ की पांच कंपनी हल्द्वानी पहुंच गई है। आठ जनवरी के बाद आरएफ, पीएसी, आइआरबी व पैरामिलिट्री फोर्स पहुंचने लगेगी। इससे पहले आठ जनवरी को होने वाली उत्तराखंड अधीनस्था सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं को शांतिपूर्ण संपन्न कराया जाएगा।
परेशान लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मांग रहे हैं। लोगों की दलील है कि वह सालों से इस जगह पर रह रहे हैं, लिहाजा उन्हें यहां से हटाना ठीक नहीं. लोगों की अपील है कि सरकार उनके लिए पहले रहने की व्यवस्था करें और उसके बाद उन्हें हटाया जाए।
बनभूलपुरा के इन हजारों घरों में रह रहे लोग इन दिनों सड़कों पर हैं। इलाके में लगातार प्रदर्शन हो रहा है। बताया जा रहा है कि इलाके में रह रही ज्यादातर आबादी मुस्लिम है। मुस्लिम आबादी से जुड़े हुए लोग सड़कों पर दुआएं मांग रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके घर टूटने से बच जाएं। 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई है। लोगों को सुप्रीम कोर्ट से ही अब राहत की उम्मीद बची है।
चलिए अब आपको बताते है कि आखिर ये मामला है क्या-
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