जब चढ़ा केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट का पारा, बोले- सरकार की छवि ख़राब करने वाले अफसरों की खैर नहीं

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जब चढ़ा केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट का पारा, बोले- सरकार की छवि ख़राब करने वाले अफसरों की खैर नहीं

Dhami Ajay Bhatt

भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश के बावजूद निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा  अभी भी बेवजह नोटिस दिया जा रहा है जो कि लोगों को परेशान करने का एक कारण बना हुआ। भट्ट ने अधिकारियों को सरकार और मुख्यमंत्री के मंशा के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए हैं।


हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट) केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले में वन विभाग, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग द्वारा अनावश्यक रूप से लंबे समय से बसे लोगों को नोटिस दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है।

भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश के बावजूद निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा  अभी भी बेवजह नोटिस दिया जा रहा है जो कि लोगों को परेशान करने का एक कारण बना हुआ। भट्ट ने अधिकारियों को सरकार और मुख्यमंत्री के मंशा के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश है कि हाल में धार्मिक गतिविधियों की आड़ में हुए अतिक्रमण को हटाया जाना है। जिस पर कार्रवाई भी की जा रही है लेकिन यह लगातार संज्ञान में आ रहा है की लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और वन विभाग द्वारा अनावश्यक रूप से निचले स्तर के कर्मचारियों के माध्यम से कई दशकों से बसे लोगों को नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है।

भट्ट ने कहा कि खासकर सिंचाई विभाग द्वारा उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले में उन लोगों को नोटिस दिया गया है जो केवल नहर के किनारे बसे हुए हैं और उन्होंने नहर पर पटाल डालकर आने जाने का रास्ता बनाया है। ऐसे में सरकार की मंशा और छवि को कई अधिकारियों द्वारा खराब किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।

भट्ट ने बताया कि सिंचाई विभाग ने 1003 अतिक्रमण नैनीताल जिले में और 5637 अतिक्रमण उधम सिंह नगर में चिन्हित कर नोटिस दिए हैं। जिनमें की लोगों ने केवल नहर के ऊपर अपने घर को आने जाने के रास्ते के रूप में पटाल डालकर इस्तेमाल किया है। ऐसे में कई दशकों से रह रहे लोगों को नोटिस मिलने के बाद परेशान होना लाजमी है। इसलिए पूर्व में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्पष्ट कहा गया कि केवल धार्मिक गतिविधियों की आड़ में हुए अतिक्रमण पर कार्रवाई की जा रही है जबकि कई दशकों से वन गोठ, खत्तों जहां सभी सरकारी मूलभूत सुविधाएं हैं उनके नियमितीकरण के लिए सरकार द्वारा कमेटी भी बनाई गई है बावजूद इसके वन विभाग के निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा भी नोटिस दिया जा रहा है जोकि सरासर सरकार की मंशा के खिलाफ है।

भट्ट ने कहा कि नैनीताल और उधम सिंह नगर में तीन दर्जन खत्ते और गोठ हैं जिनके लिए स्वयं उन्होंने लोकसभा सदन में नियमितीकरण और मालिकाना हक दिए जाने के लिए सवाल उठाया है और सरकार उनके नियमितीकरण को लेकर भी कार्रवाई कर रही है।

भट्ट ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने भी कई जगह नोटिस दिए हैं। भट्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायालय में गए मामलों के अलावा अन्य मामलों में अनावश्यक रूप से अधिकारियों द्वारा लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।

भट्ट ने हल्द्वानी के रामपुर रोड में भी बसे व्यापारियों पर नोटिस दिए जाने के मामले में भी कहा अधिकारियों को व्यापारी और व्यापार मंडल सहित स्थानीय लोगों को विश्वास में लेना चाहिए।

भट्ट ने कहा कि उन्होंने नैनीताल और उधम सिंह नगर के जिला अधिकारियों से वार्ता कर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अतिक्रमण के नाम पर अनावश्यक नोटिस देकर पैनिक न फैलाया जाए। सरकार के स्पष्ट निर्देश है की धार्मिक गतिविधियों की आड़ पर हाल फिलहाल में हुए कब्जे जहां धर्मांतरण जैसे कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है ऐसे स्थलों को चिन्हित कर वन भूमि से खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।

भट्ट ने कहा कि सरकार की छवि खराब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को भी यह समझना चाहिए कि सरकार द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्देश पर ही कार्यवाही की जाए अन्यथा लोगों में जबरन नोटिस देकर पैनिक फैलाने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होगी।

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