अंकिता की अंतिम विदाई, भाई ने दी मुखाग्नि, धामी के इस भरोसे पर राजी हुई परिवार

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अंकिता की अंतिम विदाई, भाई ने दी मुखाग्नि, धामी के इस भरोसे पर राजी हुई परिवार

Ankita

अंकिता के पिता की अपील करने के बाद आक्रोशित लोगों का गुस्सा शांत हुआ। अंकिता के अंतिम संस्कार के लिए सभी तैयार हो गए हैं और एनआईटी घाट पर अंकिता को अंतिम विदाई दी गई। अंकिता के भाई ने अपनी बहन को मुखाग्नि दी।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) अंकिता भंडारी की हत्या से पूरे उत्तराखंड में उबाल है। शनिवार को नहर से अंकिता के शव के मिलने के बाद एम्स ऋषिकेश में उसका पोस्टमार्टम किया गया। अंकिता भंडारी की प्राथमिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंकिता के शरीर पर चोटों के कई निशान पाए गए हैं। हालांकि प्राथमिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक अंकिता की मौत पानी में डूबने के कारण हुई है।

आज अंकिता भंडारी के परिजनों द्वारा उनका अंतिम संस्कार किया जाना था, लेकिन परिजनों ने अंतिम संस्कार रोक दिया है। साथ ही सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं परिजनों का कहना है कि वह कंप्लीट पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम संस्कार करेंगे। या वे फिर से पीएम कराने की मांग कर रहे हैं।

इसके अलावा अंकिता के परिजनों ने बुलडोजर कार्रवाई पर भी सवाल उठाए है। उनका कहना है कि आखिर  प्रशासन ने जल्दबाजी में रिजॉर्ट में अंकिता का कमरा तोड़ दिया। उसमें सबूत हो सकते थे।

अंकिता को अंतिम विदाई

आखिरकार अंकिता के पिता की अपील करने के बाद आक्रोशित लोगों का गुस्सा शांत हुआ। अंकिता के अंतिम संस्कार के लिए सभी तैयार हो गए हैं और एनआईटी घाट पर अंकिता को अंतिम विदाई दी गई। अंकिता के भाई ने अपनी बहन को मुखाग्नि दी।

धामी के भरोसे पर राजी हुआ परिवार

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपील के बाद अंकिता का परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हुआ। सीएम धामी ने कहा कि अंकिता के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होगा। अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक की जाएगी।

हरीश रावत का बड़ा आरोप-

पूर्व CM हरीश रावत ने रिसॉर्ट पर बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा- भाजपा की सोच में न्याय का देवता बुलडोजर, अंकिता भंडारी के हत्यारों के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यों को रौंद चुका है। देखते हैं कि न्यायालय तक मामला पहुंचते-पहुंचते कितने साक्ष्य बचे रहते हैं?

साथ ही हरीश रावत ने आगे कहा-  अंकिता ने जो कुछ अपने दोस्तों को WhatsApp पर लिखा है, यदि वह सत्य है तो क्या यह रिजॉर्ट प्रभावशाली लोगों के अय्याशी का अड्डा बना था। यदि अंकिता के नाम से जो पोस्ट सोशल मीडिया में चल रही है, वह पोस्ट क्या जांच का विषय बनेंगी? मुझे सूचना मिली है कि पोस्ट मार्टम की टीम में फीमेल डॉक्टर नहीं थी! महिला के साथ हो सकने वाली पहली अपराध की संभावना को क्या पुलिस ने जांच का विषय नहीं बनाया है? लोगों का मन बहुत उद्वेलित है। लोग बार-बार इन सवालों को मुझसे पूछ रहे हैं!

उत्तराखंड पुलिस का क्या कहना है ?

अब इस पर DGP अशोक कुमार का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अंकिता भण्डारी हत्या प्रकरण में रिसॉर्ट से साक्ष्य मिटाये जाने की अफवाहें असत्य हैं। इसके अलावा अंकिता भण्डारी हत्या प्रकरण हेतु गठित SIT के सदस्य अपर पुलिस अधीक्षक, कोटद्वार शेखर सुयाल ने कहा कि सभी साक्ष्य सुरक्षित हैं। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

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