₹750 शुल्क के बदले वाई-फाई पैनल, ₹15,000 किराया और नौकरी देने का वादा ?

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₹750 शुल्क के बदले वाई-फाई पैनल, ₹15,000 किराया और नौकरी देने का वादा ?

फ्री Wifi योजना को मिल गई मंजूरी, जानें कैसे और कितना मिलेगा डाटा

ख़बर में किया जा रहा दावा: सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक पत्र में ‘पीएम-वाणी योजना’ के तहत ₹750 शुल्क के बदले वाई-फाई पैनल, ₹15,000 किराया और नौकरी देने का वादा किया जा रहा है। आखिर इस दावे का सच क्या है ? आईए आपको बताते हैं।


 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) जमाना सोशल मीडिया का है, ऐसे में सोशल मीडिया में हर रोज हजारों- लाखों ख़बरें बहुत तेजी से वायरल होती हैं। वायरल फर्जी ख़बरों से उत्तराखंड पोस्ट आपको सावधान करता रहा है ताकि कभी आप इन फेक खबरों को शेयर कर मुसीबत में न फंस जाएं।

एक और खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक पत्र में ‘पीएम-वाणी योजना’ के तहत ₹750 शुल्क के बदले वाई-फाई पैनल, ₹15,000 किराया और नौकरी देने का वादा किया जा रहा है। आखिर इस दावे का सच क्या है ? आईए आपको बताते हैं।

ख़बर में किया जा रहा दावा: सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक पत्र में ‘पीएम-वाणी योजना’ के तहत ₹750 शुल्क के बदले वाई-फाई पैनल, ₹15,000 किराया और नौकरी देने का वादा किया जा रहा है। आखिर इस दावे का सच क्या है ? आईए आपको बताते हैं।


सच क्या है? -  इस दावे की पड़ताल कर सच बताते हुए केंद्र सरकार की एजेंसी पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया कि य़े दावा फ़र्ज़ी है। भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। कृपया ऐसे भ्रामक मैसेज फॉरवर्ड ना करें। ऐसे संदेशों को फॉरवर्ड करने से पहले #FactCheck जरूर कर लें।

न करें फॉरवर्ड- हो सकता है ये खबर आपके पास भी सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों के जरिए पहुंची हो या हो सकता है भविष्य में आए। तो सावधान हो जाइए ये दावा पूरी तरह फर्जी है और इस पर यकीन न करें और न ही इसे आगे फारवर्ड करें।

इससे संबंधित सही जानकारी के लिए नीचे पढ़ें पूरी ख़बर-

किसी भी तरह का लाइसेंस शुल्‍क वसूले बिना पब्लिक डेटा ऑफिस समूहों  द्वारा  सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क सेवा प्रदान करने के प्रस्‍ताव को कैबिनेट की मंजूरी 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने टेलीकॉम विभाग को देशभर में पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) के जरिए  सार्वजनिक रूप से वाई -फाई सेवा प्रदान करने का नेटवर्क तैयार करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। ऐसी कंपनियों से वाई-फाई और ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए किसी तरह का लाइसेंस शुल्‍क नहीं लिया जाएगा। इससे देशभर में सार्वजनिक वाई-फाई सेवाओं का बड़ा नेटवर्क तैयार करने में मदद मिलेगी जो लोगों के लिए रोजगार और आमदनी बढ़ाने का जरिया बनेगा ।

विशेषताएं

सार्वजनिक वाई -फाई नेटवर्क सेवा पीएम वाणी के नाम से जानी जाएगी। इसे सार्वजनिक टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के माध्‍यम से संचालित किया जाएगा जैसा कि यहां उल्लेख किया जा रहा है।

• पब्लिक डेटा आफिस (पीडीओ): यह केवल पीएम वाणी के तहत आने वाले वाई-फाई सेवा स्‍थलों को स्‍थापित करने, रखरखाव करने और संचालित करने का काम करेंगे और उपभोक्‍ताओं को ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करेंगे।

  • पब्लिक डेटा आफिस (पीडीओ): यहपंजीकृत उपयोगकर्ताओं के प्रमाणीकरण और लेखा खातों के रखरखाव का काम करेंगे ।
  • ऐप प्रदाता: यह पंजीकृत ग्राहकों के लिए  मोबाइल ऐप विकसित करेंगे और  वाई-फाई वाले हॉट स्‍पाट इलाकों में ये पीडीओ पीएम वाणी सेवा की उपलब्‍धता का पता लगाने के बाद उसके अनुरुप ऐप में इसकी जानकारी डालेंगे ताकि ग्राहक अपने मोबाइल पर इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकें।
  • सेंट्रल रजिस्‍ट्री: यह ऐप सेवा प्रदाता पीडीओ और पीडीओएएस की जानकारी रखेगा । सेंट्रल रजिस्‍ट्री का रखरखाव शुरुआती स्‍तर पर टेलीकॉम विभाग द्वारा किया किया जाएगा।

उदे्श्‍य

पीडीओ और ऐप प्रदाताओं को इसके लिए अपना कोई पंजीकरण नहीं कराना होगा । ये लोग  सरल संचार; (https://saralsanchar.gov.in)वेबसाइट पर टेलीकॉम विभाग में ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे। इसके लिए उन्‍हें कोई शुल्‍क नहीं देना होगा। आवेदन करने के सात दिनों के भीतर पंजीकरण हो जाएगा

यह व्‍यवस्‍था कारोबार के लिए बहुत ही सहज और अनुकूल होगी खासकर ऐसे समय में जबकि कोविड महामारी के कारण इस  समय  तेज गति वाली ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा की देशभर में बहुत सारे ग्राहकों को काफी जरुरत है। इसके जरिए सार्वजनिक वाई -फाई सेवा उपलब्‍ध कराई जा सकेगी।

इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि छोटे और मझौले कारोबारियों के पास खर्च करने के लिए कुछ अधिक पैसा भी जमा हो सकेगा जिससे देश की जीडीपी में बढ़ोतरी में मदद मिलेगी।

सरकारी सेवा प्रदाताओं के जरिए सार्वजनिक रूप से ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्‍ध कराने की व्‍यवस्‍था डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ाया गया एक और कदम है। यह सेवा उपलब्‍ध कराने के लिए किसी तरह का लाइसेंस शुल्‍क नहीं लिये  जाने से देशभर में बड़े स्‍तर पर इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं का लाभ आमलोगों को मिले सकेगा जिससे रोजगारऔर आमदनी के अवसर पैदा होंगे, कारोबारी सुगमता में इजाफा होगा और लोगों का जीवन स्‍तर बेहतर हो सकेगा।

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