क्या हाल ? भाजपा बेहाल ! ये विज्ञापन नहीं, खबर है !
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन का दावा कर रही भाजपा के चुनावी विज्ञापनों में भाजपा ‘क्या हाल’ टैग लाइन के साथ हरीश रावत सरकार में अस्पताल, कानून व्यवस्था, किसान, पलायन, मजदूरों, गरीबों आदि की दशा दिशा दिखाते हुए सवाल तो खड़े कर रही है लेकिन कई सीटों पर हाल फिलहाल भाजपा का सही नहीं
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन का दावा कर रही भाजपा के चुनावी विज्ञापनों में भाजपा ‘क्या हाल’ टैग लाइन के साथ हरीश रावत सरकार में अस्पताल, कानून व्यवस्था, किसान, पलायन, मजदूरों, गरीबों आदि की दशा दिशा दिखाते हुए सवाल तो खड़े कर रही है लेकिन कई सीटों पर हाल फिलहाल भाजपा का सही नहीं दिखाई दे रहा है। पार्टी के पुराने नेता ही करीब एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर पार्टी का हाल बेहाल करने में जुटे हुए हैं। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost
बड़ी संख्या में कांग्रेसियों के भाजपा में शामिल होने से भले ही बीजेपी इस विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड मुक्त कांग्रेस होने का दावा कर रही हो लेकिन कई सीटों पर भाजपा के बागी इन सीटों को भाजपा मुक्त करने में पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं।
चुनाव में टिकट मिलने की आस लगाए बैठे ये नेता टिकट बंटवारे में अनदेखी के बाद अब बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। ऐसी सीटों की संख्या 17 है जहां पर पार्टी के 18 बागी भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ मैदान में हैं। हालांकि भाजपा ने इन सभी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है लेकिन इससे भाजपा की मुश्किल हल नहीं हुई है।
जब बहुमत के लिए 36 सीटों का आंकड़ा चाहिए, ऐसे में 17 सीटों पर 18 बागियों की चुनौती भाजपा की जीत की राह में कांटे बिछाने का काम कर रही है।
इन सीटों पर बागी बिगाड़ सकते हैं भाजपा की जीत का गणित
- गंगोत्री से सूरत राम नौटियाल
- केदारनाथ से आशा नौटियाल
- घनसाली से धनीलाल शाह और प्रेमला त्रिकुटिया
- नरेन्द्रनगर से ओम गोपाल रावत
- प्रतापनगर से राजेश्वर प्रसाद
- सहसपुर से लक्ष्मी अग्रवाल
- ऋषिकेश से संदीप गुप्ता
- खानपुर से रविन्द्र पनियाल
- लक्सर से कुशलपाल सैनी
- चौबट्टाखाल से कविन्द्र इष्टवाल
- डीडीहाट से किशन सिंह
- रानीखेत से प्रमोद नैनवाल
- नैनीताल से हेम आर्या
- कालाढूंगी से हरेन्द्र सिंह
- जसपुर से सीमा चौहान
- काशीपुर से राजीव अग्रवाल
- देवप्रयाग से दिवाकर भट्ट
इन 16 विधानसभा सीटों में अपनों से घिरी BJP, मुश्किल हुई जीत की राह !
भाजपा के सेनापति के भी हाल बेहाल | प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट खुद अपनी ही विधानसभा सीट पर अपने पुराने सिपाही की चुनौती का सामना कर रहे हैं। अजय भट्ट अपनी परंपरागत रानीखेत विधानसभा सीट से मैदान में हैं लेकिन इस सीट पर टिकट के दावेदार रहे प्रमोद नैनवाल टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं। नैनवाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ ताल ठोकने से अजय भट्ट की मुश्किलें इसलिए भी बढ़ गई हैं क्योंकि इस विधानसभा सीट का गणित बहुत करीबी जीत-हार का रहा है। मतलब इस सीट पर बागी को मिला एक-एक वोट अजय भट्ट की जीत की राह को मुश्किल बनाने का काम करेगा।
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हालांकि बागियों से भाजपा का हाल बेहाल होने के सवाल पर पार्टी के प्रदेश प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल इसे सिरे से नकारते हैं। गोयल कहते हैं कि कार्यकर्ता किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि पार्टी से जुड़े होते हैं। ऐसे में बागी किसी भी सीट पर भाजपा के प्रत्याशी को नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।
बहरहाल भाजपा भले ही बागियों से किसी तरह की चुनौती न मिलने की बात कहते हुए अपनी जीत का दावा कर रही हो लेकिन भाजपा को ये नहीं भूलना चाहिए कि पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट कम होने की वजह से भाजपा को सरकार बनाने का मौका नहीं मिल पाया, यहां तो करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर बागी भाजपा की राह में कांटे बिछाकर खड़े हैं।
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