उत्तराखंड | साल भर पहले शहीद हुए थे मेजर विभूति, अब बहादुर पत्नी बनेगी आर्मी का हिस्सा

  1. Home
  2. Dehradun

उत्तराखंड | साल भर पहले शहीद हुए थे मेजर विभूति, अब बहादुर पत्नी बनेगी आर्मी का हिस्सा

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) बीते साल पुलवामा में हुआ आतंकी हमले में देश के 44 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 18 फरवरी को देहरादून के मेजर विभूती भी जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ चले ऑपरेशन में शहीद हो गए थे। मेजर विभूती की शहादत के बाद हर किसी की आंखे नम थी। अब मेजर विभूति ढौंडियाल


उत्तराखंड | साल भर पहले शहीद हुए थे मेजर विभूति, अब बहादुर पत्नी बनेगी आर्मी का हिस्सा

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) बीते साल पुलवामा में हुआ आतंकी हमले में देश के 44 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 18 फरवरी को देहरादून के मेजर विभूती भी जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ चले ऑपरेशन में शहीद हो गए थे। मेजर विभूती की शहादत के बाद हर किसी की आंखे नम थी।

अब मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निकिता ढौंडियाल पति की शहादत के बाद अब शहीद मेजर की 28 साल की पत्नी निकिता कौल भारतीय सेना ज्वाइन करने के लिए तैयार है।आवश्यक सभी परीक्षाएं निकिता ने पास कर ली हैं। उन्हें उम्मीद है कि मेरिट में भी वह अपना स्थान बना लेंगी।

बताया जा रहा है पति की शहादत के बाद निकिता ने आर्मी ज्वाइन करने की इच्छा जताई थी। उसके बाद सेना ने उनका उत्साह बढ़ाया और मदद की। निकिता कौल मूल रूप से कश्मीर से हैं। निकिता कौल ने SSC की परीक्षा के साथ-साथ साक्षात्कार को भी पास कर लिया है। अब वह मेरिट सूची घोषित होने का इंतजार कर रही है, जिसके बाद वह कैडेट के रूप में सेना में शामिल हो जाएगी।

निकिता के मुताबिक सेना ज्वाइन करने से वह खुद को अपने पति मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के करीब महसूस करेंगी। उन्होंने कहा कि इस तरह से वह मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को ‘वास्तविक श्रद्धांजलि’ दे पाएंगी। फिलहाल निकिता कौल अपने माता-पिता के साथ दिल्ली में रहती हैं। वह एक एमएनसी कंपनी में काम करती हैं, लेकिन वह अब अपने पति की तरह एक सेना की एक अच्छी अधिकारी बनना चाहती हैं।

शहीद मेजर की पत्नी ने कहा कि वह नई चीजें सीखना चाहती है और एक कॉर्पोरेट कल्चर से निकलकर सेना के अनुशासित कल्चर में जाना चाहती है। निकिता कौल के अनुसार उनके लिए यह एक बड़ा बदलाव होगा। निकिता कौल ने कहा कि मुझे इस सदमे से निकलने और शॉर्ट सर्विस कमीशन की परीक्षा में बैठने में समय लगा। मेरे लिए पिछले साल सितंबर में एसएससी का फॉर्म भरना एक बड़ा फैसला था।लेकिन मैंने तय कर लिया था कि मैं अपने पति के पदचिन्‍हों पर ही चलना चाहती हूं।

उन्होंने अपने अनुभवों को शेयर करते हुए बताया कि मेरे लिए उस परीक्षा हॉल में प्रवेश करना बहुत ही भावुक पल था। उस समय मैं यही सोच रही थी कि मेरे पति सेना में भर्ती होने से पहले इसी स्थिति से गुजरे होंगे। यह मुझे विभू के करीब महसूस कराता रहा। निकिता कौल कहती हैं कि पति की मौत के बाद सामान्य जीवन में वापस आना इतना आसान नहीं था। लेकिन मैंने खुद को काम में डुबो दिया। उम्मीद है कि इससे दर्द कम हो जाएगा।

निकिता बताती है कि पति की मृत्यु के लगभग 15 दिनों बाद ही वह वापस काम पर चली गई, क्योंकि मैं खुद को व्यस्त रखना चाहती थी। वह कहती हैं कि टूटना स्वाभाविक है, लेकिन हमें स्थिति को स्वीकार करने की बहुत जरूरत है। मुझे अपनी दिनचर्या में सकारात्मकता तलाशनी थी और एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े होना था। वे बताती हैं कि पति के मौत के बाद पहली बार घर से बाहर अपने भाई-बहनों के साथ निकलना, उनके लिए एक बड़ा कदम था।

उन्होंने कहा कि एक आंतरिक प्रतिरोध था। मैं बाहर जाने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी। लेकिन, फिर जब कोई आपका करीबी व्यक्ति आपको छोड़कर जाता है, तो आपको यह सोचना होगा कि क्या वे आपको इस तरह से दुख की स्थिति में देखना चाहता हैं। मैंने हमेशा सोचा था कि विभू मुझे कैसे देखना चाहते थे और मुझे मेरा जवाब मिल गया।

उत्तराखंड | साल भर पहले शहीद हुए थे मेजर विभूति, अब बहादुर पत्नी बनेगी आर्मी का हिस्सा

आपको बता दें कि 34 वर्षीय मेजर विभूति ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनात थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। मेजर विभूति का विवाह 18 अप्रैल 2018 को हुआ था। 19 अप्रैल को पहली बार पत्नी निकिता को लेकर वह डंगवाल मार्ग स्थित अपने घर पहुंचे थे। इसके ठीक दस माह बाद मेजर विभूति शहीद हो गए थे। मेजर विभूति जनवरी के पहले सप्ताह में छुट्टियां खत्म कर डयूटी पर लौटे थे। मार्च में विभूति ने घर आने का वादा किया था।

 

उत्तराखंड | शहीद मेजर पति को एकटक देखती रही बहादुर पत्नी, बोलीं- आई लव यू विभू, देखिए वीडियो

 

श्रद्धांजलि | पुलवामा मास्टरमाइंड के एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए थे मेजर विभूती, एक साल पहले हुई थी शादी

उत्तराखंड | एक स्कूल से पढ़े, देश के लिए मरने की कसम खाई और अमर हो गए दो देवभूमि के दो लाल

Youtube  http://www.youtube.com/c/UttarakhandPost

Twitter– https://twitter.com/uttarakhandpost                                

Facebook Page– https://www.facebook.com/Uttrakhandpost 

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे