पढ़ें- राष्ट्रपति शासन के बाद क्या हैं संभावनाएं ?
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद हर किसी के मन में सवाल है कि आगे क्या होगा ? चलिए आपको बताते हैं कि संविधान के हिसाब से अब क्या – क्या विकल्प हैं ? (पढ़ें-हरीश ऱावत के विश्वासमत से पहले उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू) अब गेंद राज्यपाल के पाले में उत्तराखंड के संवैधानिक हालात
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद हर किसी के मन में सवाल है कि आगे क्या होगा ? चलिए आपको बताते हैं कि संविधान के हिसाब से अब क्या – क्या विकल्प हैं ? (पढ़ें-हरीश ऱावत के विश्वासमत से पहले उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू)
अब गेंद राज्यपाल के पाले में
उत्तराखंड के संवैधानिक हालात को लेकर अब उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. केके पॉल को आगे का फैसला करना है। मौजूदा हालात में तीन संभावनाएं नजर आ रही हैं जिसे राज्यपाल अपना सकते हैं। (पढ़ें-उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ कोर्ट जाएंगे: हरीश रावत)
पहली संभावना- चूंकि विधानसभा को भंग नहीं निलंबित किया गया है, इसलिए प्रदेश की दूसरी बड़ी पार्टी यानी बीजेपी को बहुमत साबित कर सरकार बनाने का मौका राज्यपाल दे सकते हैं।
दूसरी संभावना- विधानसभा को भंग कर अगले चुनाव का रास्ता साफ किया जा सकता है।
तीसरी संभावना- इस विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक यानी अगले साल भर तक उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन रखा जाए और उसके बाद अगले चुनाव पर फैसला लिया जाए।
बहरहाल भाजपा पहले भी दावा कर चुकी है कि उसके पास पर्याप्त संख्या बल है और राज्यपाल उन्हें मौका देते हैं तो वे सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि भाजपा उत्तराखंड में सरकार बनाने के लिए भी तैयार है और चुनाव के लिए भी। (पढ़ें-चुनाव के लिए भी तैयार हैं और सरकार बनाने के लिए भीः BJP) (पढ़ें-‘भारत माता की जय’ से नहीं ‘भय’ से देश चलाना चाहती है मोदी सरकार: कांग्रेस)
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